शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

वो माँ की आँखें थी

(फोटो गूगल से साभार)


तैर गए बादल उन आँखों में
वो माँ की आँखें थी 


कुछ आशाओं के टुकड़े
बहते हुए
पूरा आसमां घूमकर
उन आँखों में ठहर गए
और बरस पड़े
दुआ बनकर
अपने लाडले के लिए
वो सागर भरी आँखें माँ की थी 


अच्छी लगती है परेशानी
कभी कभी 
आरी तिरछी सिलवटों के संग 
देखकर माथे पर 
जो वस्तुतः उभरी होती हैं  
दुआएँ बनकर 
माँ के माथे पर   
वो माथे पर सिलवटें लिए एक चेहरा माँ का था 


परेशानी और सिलवटों का 
वह रूप बदल गया 
विश्वास लाडले पर अपने 
एक दुआ बन बरस गया 
और भीगो गया
ममता की धरा 
खिला गया फूल मुस्कराहट के 
एक बार फिर से 
और मुस्कुरा उठा चेहरा 
भीगे आँसूओं के ऊपर 
वो ममतामयी मुस्कान एक माँ की थी


हाँ वो माँ की आँखें थी
जिन आँखों में बादल तैरा था 







23 टिप्‍पणियां:

  1. माँ के प्यार को अभिव्यक्त करती बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। ऐसे ही लिखते रहिये |
    हाँ वो माँ की आँखें थी
    जिन आँखों में बादल तैरा था

    जवाब देंहटाएं
  2. मन की भिंगाती हुई कृति. बहुत सुन्दर.

    जवाब देंहटाएं
  3. कुछ आशाओं के टुकड़े
    बहते हुए
    पूरा आसमां घूमकर
    उन आँखों में ठहर गए
    और बरस पड़े
    दुआ बनकर
    अपने लाडले के लिए
    वो सागर भरी आँखें माँ की थी ..

    माँ की ममता पर अति सुन्दर रचना .वाह !
    latest post आभार !
    latest post देश किधर जा रहा है ?

    जवाब देंहटाएं
  4. पहले अंतरे को पढ़कर दिल से आ हा हा निकला। दूसरे तीसरे अंतरे में शब्‍दों की गलती इतनी गहरी सुन्‍दर कविता में अखरती है। कृपया ठीक कर लें। आपसे अनुरोध है कि इतने बढ़िया सृजन में शब्‍दों, वाक्‍यों-विन्‍यासों, भावों की गलती न आने दें।.................रहा नहीं गया। इसलिए बिन मांगा सुझाव दे रहा हूँ। बुरा न समझिएगा।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी विकेश जी शुक्रिया !
      आपके सुझावों का जरुर ध्यान रखूँगा
      आभार!

      हटाएं
  5. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शनिवारीय चर्चा मंच पर ।।

    जवाब देंहटाएं
  6. माँ की आँखों में तो सारा जहां तैर जाता है....बेहद भावुक और सुंदर रचना।।

    जवाब देंहटाएं
  7. माँ शब्द में पूरी श्रृष्टि निहित है....
    बहुत सुन्दर
    कोमल भाव लिए रचना...
    :-)

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  8. माँ की हर बात निराली होती है
    आपकी रचना दिल को छु गई
    हार्दिक शुभकामनायें

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  9. माँ की स्नेहिल दृष्टि का
    परस दे गई यह रचना !

    जवाब देंहटाएं
  10. और किसी की ऐसी आँखें हो भी नहीं सकती है..

    जवाब देंहटाएं
  11. हाँ वो माँ की आँखें थी
    जिन आँखों में बादल तैरा था

    जवाब देंहटाएं
  12. माँ की आँखों का सुन्दर चित्रण!

    जवाब देंहटाएं
  13. माँ जैसा कोई नही ,,,,,,,

    बहुत सुंदर लिखा है आपने

    जवाब देंहटाएं
  14. सचमुच माँ दुनिया में होती ही है सबसे निराली... उसकी उपमा कहाँ ... बहुत सुन्दर रचना...


    नई रचना
    तभी तो हमेशा खामोश रहता है आईना !!

    जवाब देंहटाएं
  15. हाँ वो माँ की आँखें थी
    जिन आँखों में बादल तैरा था ...

    उन सजीली, पनीली आशा लिए आँखों का दृश्य उभार आता है इस रचना से ...
    माँ के आगे कौन है ...

    जवाब देंहटाएं

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