(फोटो गूगल से साभार) |
बंद लिफ़ाफ़े में फिर
तेरी राखी आयी है
चन्दन रोली अक्षत
खुशबू प्रेम की लायी है
राखी की रस्में सारी
सब याद फिर हो आयी हैं
रस्मों संग छुपे स्नेह की
फिर एक गंगा बह आयी ही
वो थाली आरती की
आँखों में सज आयी है
और दुआएँ माथा चूमे
जो संग लिफाफे आयी है
अटूट बंधन बाँधे
रेशम की दो डोर
बंधे कलाई पर जब भी
हो जीवन में भोर
जीवन की वो भोर
संग लिफ़ाफ़े आयी है
सच में प्यारी बहना का
बड़ा खुशकिस्मत यह भाई है
आप सभी को रक्षाबंधन पर्व के इस शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएँ !!
एक खूबसूरत से रिश्ते को निभाती एक सुन्दर से कविता...
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन लाजबाब रचना ,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : सुलझाया नही जाता.
बहुत ही सुंदर और सार्थक प्रस्तुती, आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भावपूर्ण कविता रक्षा-बन्धन के उपलक्ष में। अन्तिम से पूर्व के पैरा की दूसरी पंक्ति में (रेशम की दो डोर) कर दें।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
हटाएंनमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (20 -08-2013) के चर्चा मंच -1343 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अरुन जी !
हटाएंप्यारे से रिश्ते को बाखूबी शब्दों के ताने बाने में गूंथा है आपने ...
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन की बधाई सभी भाई बहनों को ...
बढ़िया सामयिक रचना ...
जवाब देंहटाएंबधाई आपको !
आपकी यह रचना कल मंगलवार (20-08-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आभार!
हटाएंहिंदी ब्लॉग समूह चर्चा अंक -2: रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंअनेक शुभ कामनाएं।
जवाब देंहटाएंबढिया, ढेर सारी शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना, हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत अच्छी रचना है.
जवाब देंहटाएंआप को भी इस पर्व की शुभकामनाएँ.
बहुत खूबसूरत रचना ... बधाई !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया कविता ! शब्दों और भावों का लाजवाब संयोजन !!
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की ढेर सारी शुभकामनाएं !!!!
बहुत ही भावपूर्ण ओर सुन्दर संवेदनशील रचना,रक्षा बंधन की बधाई ओर शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंस्नेह से पगी सुन्दर रचना । शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर हैं आपकी ये रचना जिसमें "भाई बहन की अटूट रिश्ता झलकता हैं ।" आपकी रचना का अंश -
जवाब देंहटाएं"अटूट बंधन बाँधे
रेशम की दो डोर
बंधे कलाई पर जब भी
हो जीवन में भोर "
सभी भाई को, यह रचना याद दिलाती हैं कि -
"जीवन की वो भोर
संग लिफ़ाफ़े आयी है
सच में प्यारी बहना का
बड़ा खुशकिस्मत यह भाई है "
इस रचना के लिए तहे दिल से धन्यवाद!
आपका दोस्त!
मिथिलेश
बहुत सुन्दर रचना ...हार्दिक शुभ कामनाएँ !!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएं