मन का पंछी
मंगलवार, 24 अप्रैल 2012
भूल गए हैं सारे जमाने को
(फोटो गूगल से साभार)
कि महफ़िल से रुखसत हुए
एक खाली पैमाना लेकर
संग अपने दर्द का
झूमता तराना लेकर
भर देता जो बार बार
पैमाने को
खुमार छाया है
कुछ इस कदर
कि भूल गए हैं
सारे जमाने को
1 टिप्पणी:
संजय भास्कर
1 जून 2012 को 11:53 am बजे
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
..शुभकामनाएं।
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बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
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