मंगलवार, 9 अप्रैल 2013

एक आईने के टूटने पर




बन गई
सौ कहानियाँ 
एक आईने के
टूटने पर


जब आईना एक था 
तब कहानी एक ही थी
पर टूटते ही
कई कहानियाँ जीवित हो उठी
हर टुकड़े  में एक कहानी
हर कहानी में
एक ही किरदार
पर हर कहानी अलग अलग
है ना विचित्र !

आज उन टुकड़ों को
जोड़ दिया है
फिर से
(क्यों,,, जोड़ नहीं सकते क्या ?)
और जो देखा तो मिली
एक अकेली कहानी
फिर से
सौ नहीं,,,, बस एक
है ना विचित्र !





@फोटो : गूगल से साभार 

17 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर
    उत्कृष्ट प्रस्तुति----

    जवाब देंहटाएं
  2. कहानी एक ही होती है ... हर किसी का अंदाज़ अपना अपना होता है ... लोग भी तो इअईने की तरह हैं .. जितने लोग उतनी तरह की बातें ...

    जवाब देंहटाएं
  3. और जो देखा तो मिली
    एक अकेली कहानी ..
    -------------------
    एक ही कहानी के न जाने कितने हिस्से हो जाते हैं ....वक़्त- दर वक़्त ....
    बढ़िया ....

    जवाब देंहटाएं
  4. कहानी तो एक होती है पर भाव अलग अलग होजाते है ..बढ़िया प्रस्तुति----

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्छी कविता.
    चित्र चयन भी भावानुरूप है.

    जवाब देंहटाएं
  6. एक व्यक्ति,एक कहानी .... पर अनुमान से न जाने कितनी कहानियाँ !!!

    जवाब देंहटाएं

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