(फोटो गूगल से साभार) |
तुमने जो दो बोल
कभी बोले थे
थोड़ी सी मुस्कराहट लिए
वो आज भी घूम रहे हैं
मेरे इर्द गिर्द
हर रात
मेरी नींद में
पहले तुम्हारी आवाज आती है
और फिर
मुस्कुराती हुई तुम
पर आज क्या हुआ
तुम्हारी आवाज तो आयी
मगर तुम नहीं
ऐसा क्यों ?
ख्वाब तो ख़त्म होना है
मगर तुम्हारा क्या ?
तुम तो हर सुबह
जाग जाती हो
संग मेरे
खामोश नींद से
फिर रहती हैं
चारो तरफ
तुम और तुम्हारी आवाज
मगर सिर्फ .....
खामोश नींद से पहले तक
खामोश नींद में तो
मिलती है अब .....
सिर्फ तुम्हारी आवाज
ऐसा क्यों ?
अनुपम भाव ... संयोजन लिये बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमोहब्बत की जादूगरी है ये....
जवाब देंहटाएंकभी तुम,तो कभी तुम्हारी आवाज़.....
सुन्दर रचना..
अनु
ख्वाब तो ख़त्म होना है
जवाब देंहटाएंमगर तुम्हारा क्या ?
ख्वाबों को भी देर तक महसूस किया जाता है,बहुत ही सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव ...सुन्दर ख्वाब से..
जवाब देंहटाएंशुक्रिया Sir
जवाब देंहटाएंसादर आभार!
यूं ख्यालों में है यादों का उजाला जैसे,
जवाब देंहटाएंचांदनी रात में कुहसार(पर्वत) पे कुंदन बरसे,,,,
RECENT POST शहीदों की याद में,
Beautiful ... I love your Hindi poems !!!
जवाब देंहटाएंThanku! :)
हटाएंसुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
जवाब देंहटाएंवाह प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंप्रेम का अहसास लिए अति सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पार आना हुआ...शिवनाथ जी
जवाब देंहटाएं.... बढ़िया कविता पड़ने को मिली.... अति सुन्दर
धन्यवाद :)
हटाएंसुन्दर भाव संयोजन
जवाब देंहटाएंशायद ये समय का बदलाव है ... वो ओर उनकी आवाज़ें तो फिर भी साथ हैं ...
जवाब देंहटाएंखुबसूरत भाव -उम्दा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंNew post बिल पास हो गया
New postअनुभूति : चाल,चलन,चरित्र
kripya sampark karen - rasprabha@gmail.com par
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ॥
प्यारी अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंकोमल भावों की अभिव्यक्ति ...बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंbehtreen abhivyakti...
जवाब देंहटाएंhttp://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post.html
अदभुत--बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
कसक जगाती हुई..अच्छा लगा पढ़कर ..
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