सार्थक प्रस्तुति। -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (11-01-2015) को "बहार की उम्मीद...." (चर्चा-1855) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ... सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सार्थक प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (11-01-2015) को "बहार की उम्मीद...." (चर्चा-1855) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद सर !
हटाएंसादर आभार !
bheengi palkon par ke saath bahut kuch tair gaya....................
जवाब देंहटाएंsundar post..
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशिकायतें जब बह जाती हैं .. आसमान साफ़ हो जाता है ...
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण अभिव्यक्ति ...
अति सुन्दर भाव
जवाब देंहटाएंरंग-ए-जिंदगानी
http://savanxxx.blogspot.in
रात के
जवाब देंहटाएंआसमां पर
काले बादल थे
बस थोड़ी देर पहले
यही जिन्दगी का फलसफा है ..
पहले की पांच पंक्तियाँ दिल की गहराइयो
जवाब देंहटाएंको टच कर जाती है..वैसे पूरी प्रस्तुति
सुन्दर भावनात्मक है ......................आभार
बहुत सुंदर प्रस्तुति.
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