सोमवार, 13 अगस्त 2012

देखो संध्या मुस्काती है !

(फोटो गूगल से साभार)


शोणित किरणों से सजा
अंबर छोड़े जा रहा
सागर में पग दिवाकर
मद्धम-मद्धम  डाल रहा
नभ यात्रा से थका हुआ
नव उर्जा को पा रहा
दृश्य देख यह मनोरम, वो चिर हर्षाती है
देखो संध्या मुस्काती है !

नीड़ को अपने लौट रहे
विहग दिखते कितना आतुर हैं
नवजातों से मिलने को
वो आकुल और व्याकुल हैं
आनंदित-उल्लासित, नभ किरणों को समेटे
उड़े आ रहे अब खग कुल हैं
नभचरों की चहचहाहट, नवसंगीत सुनाती है
देखो संध्या मुस्काती है !

गोधूली में धूल उड़ाते
गाय-मवेशी दौड़े जाते
क्रीड़ा स्थल से लौट रहे
बाल-गोपाल हँसते-मुस्काते
श्रम स्थल से वापस
हलधर अपने घर को आते 
तुलसी चौरा पर गृह-स्वामिनी , संध्या दीप जलाती है
देखो संध्या मुस्काती है !

उडुगणों का हो रहा आगमन
अंबर पर बिछ रहा पीत कण
रजत कांति लिए हुए
उल्लासित है चन्द्र नयन
शोणित-पीत रंग से सजी
शशि-रजनी का निकट मिलन
और मिलन की तैयारी को, लाल चुनर ओढ़े जाती है
देखो संध्या मुस्काती है !

26 टिप्‍पणियां:

  1. उडुगणों का हो रहा आगमन
    अंबर पर बिछ रहा पीत कण
    रजत कांति लिए हुए
    उल्लासित है चन्द्र नयन
    शोणित-पीत रंग से सजी
    शशि-रजनी का निकट मिलन
    और मिलन की तैयारी को, लाल चुनर ओढ़े जाती है
    देखो संध्या मुस्काती है !

    बहुत अच्छी पंक्तियाँ,भावपूर्ण अभिव्यक्ति,,,,बधाई ,,,,शिवनाथ जी,,,

    जवाब देंहटाएं
  2. उडुगणों का हो रहा आगमन
    अंबर पर बिछ रहा पीत कण
    रजत कांति लिए हुए
    उल्लासित है चन्द्र नयन
    शोणित-पीत रंग से सजी
    शशि-रजनी का निकट मिलन
    और मिलन की तैयारी को, लाल चुनर ओढ़े जाती है
    देखो संध्या मुस्काती है !

    बहुत अच्छी पंक्तियाँ,भावपूर्ण अभिव्यक्ति,,,,बधाई ,,,,शिवनाथ जी,,,
    स्वतंत्रता दिवस बहुत२ बधाई,एवं शुभकामनाए,,,,,
    RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

    जवाब देंहटाएं
  4. संध्या की मुस्कुराहट इसी तरह बनी रहे
    सुबह उठ कर चिड़िया तुम्हारी चहचहाती रहे ।

    जवाब देंहटाएं
  5. शोणित-पीत रंग से सजी
    शशि-रजनी का निकट मिलन
    और मिलन की तैयारी को, लाल चुनर ओढ़े जाती है
    देखो संध्या मुस्काती है !

    waah...beautiful...

    .

    जवाब देंहटाएं
  6. शशि-रजनी का निकट मिलन
    और मिलन की तैयारी को, लाल चुनर ओढ़े जाती है

    kya baat hai ati sundar panktiyaan...aur kavita bhi bahut pyari likhi gai hai..shabdo ka milan bejod hai..maja aa gaya

    जवाब देंहटाएं
  7. सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति..

    जवाब देंहटाएं
  8. शशि-रजनी का निकट मिलन
    और मिलन की तैयारी को, लाल चुनर ओढ़े जाती है
    देखो संध्या मुस्काती है

    बहुत खुबसूरत शब्दों में पिरोइ रचना , आभार

    जवाब देंहटाएं
  9. गौधूलि की वेला और सूर्य का गमन .. पानी पे पाँव रखता तपता गोला ... लाजवाब दृश्य खींचा है आपने शाम का ...
    १५ अगस्त की शुभकामनायें ...

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  10. बहुत सुन्दर आकर्षित करता हुआ संध्या सौंदर्य एक चित्र सा बनाता हुआ आँखों के सम्मुख बहुत खूब शुभकामनाएं

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  11. बहुत सुंदर और सशक्त शब्द चित्र...

    जवाब देंहटाएं
  12. बेहतरीन प्रस्तुति ....आभार

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  13. संध्या के मनोरम दृश्य को उकेरता हुआ,शानदार कृति..

    मेरा ब्लॉग ,आपके इंतजार में-
    "मन के कोने से..."

    जवाब देंहटाएं
  14. मनोहारी शब्द चयन ....
    शुभकामनायें आपको !

    जवाब देंहटाएं
  15. गोधूली में धूल उड़ाते
    गाय-मवेशी दौड़े जाते
    क्रीड़ा स्थल से लौट रहे
    बाल-गोपाल हँसते-मुस्काते
    श्रम स्थल से वापस
    हलधर अपने घर को आते
    तुलसी चौरा पर गृह-स्वामिनी , संध्या दीप जलाती है
    देखो संध्या मुस्काती है !
    manonam chitr
    rachana

    जवाब देंहटाएं
  16. .

    आदरणीय शिवनाथ कुमार जी,
    बहुत सुंदर मनहर रचना !

    आभार और बधाई !!

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत बहुत सुन्दर...
    मनभावन रचना...


    अनु

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  18. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति...
    सुन्दर..
    :-)

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