क्या मैं 'जिंदा' हूँ
'नहीं' तो थोड़ा एहसास
थोड़ी राख 'अतीत' की
भर दे कोई
मेरी मुठ्ठी में
गीत कोई गा दे 'वही'
'नहीं' तो थोड़ा एहसास
थोड़ी राख 'अतीत' की
भर दे कोई
मेरी मुठ्ठी में
गीत कोई गा दे 'वही'
फिर से मेरे कानों में
और हो सके तो
पिला दे कोई मुझे
अमर संस्कारों की अमृत
करा दे स्पर्श
माँ की चरणों का
और लगा दे कोई
मिटटी मेरे बचपन की
कि मैं जिंदा हो जाऊँ फिर से
और चाँद उगने लगे
मेरे घर की देहरी पर
एक बार फिर से
हाँ, वैसे ही फिर से
और हो सके तो
पिला दे कोई मुझे
अमर संस्कारों की अमृत
करा दे स्पर्श
माँ की चरणों का
और लगा दे कोई
मिटटी मेरे बचपन की
कि मैं जिंदा हो जाऊँ फिर से
और चाँद उगने लगे
मेरे घर की देहरी पर
एक बार फिर से
हाँ, वैसे ही फिर से
फिर से ज़िंदा होने की चाहत ही ज़िंदा होने का सबूत है
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
बहुत खूब.... आपके इस पोस्ट की चर्चा आज 29-6-2012 ब्लॉग बुलेटिन पर प्रकाशित है ..अपने बच्चों के लिए थोडा और बलिदान करें.... .धन्यवाद.... अपनी राय अवश्य दें...
जवाब देंहटाएंआपके बोले के अंश तो दिल की दरवाजों को भी दस्तक दे डालती हैं और दिल के दरवाजों के खुलतें ही दिल के अंदर से आवाज आती हैं एक बार फिर आपके घर की देहरी पर चाँद उगने लगे, हाँ वसें ही फिर से ........................
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा हैं लगा शिवनाथ जी !
मन की अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंbhawpoorna kavita.....umda
जवाब देंहटाएंदिल को छु जाने वाला कविता है ...... बहुत अच्छा लगा......
जवाब देंहटाएंअपने एहसासों को जिन्दा कर ...फिर से निकलों अपनी यादोँ की बरात लेकर ...जिन्दा हो जाओगे .....
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ !
लगता है मेरी पिछली टिपणी भी स्पैम में
चली गयी है ..कृपया वहाँ से निकालें!
उत्साहवर्धन एवं टिप्पणी के लिए आपसबों को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंगहन भावों की अभिव्यक्ति|
जवाब देंहटाएंबधाई
सशक्त लेखन के साथ उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ... आभार ।
जवाब देंहटाएंजीने की चाह और अतीत में जीने की चाह तो सभी रखते हैं ... शायद उसी में जिन्दा होता है जीवन ... गहरी सोच से उत्पन रहना ...
जवाब देंहटाएंबहुत, बहुत खूबसूरत कविता।
जवाब देंहटाएंसभी की कामना को आपने कोमल शब्द दिए हैं।
Beautiful !!!
जवाब देंहटाएंबढ़िया विषय |
जवाब देंहटाएंसटीक प्रस्तुति |
यह भी अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंशिवनाथ कुमार जी आपकी इस बेहतरीन रचना को हमारा हरयाणा ब्लॉग पर साँझा किया है
जवाब देंहटाएं-- संजय भास्कर
http://bloggersofharyana.blogspot.in
धन्यवाद संजय जी! :)
हटाएंशिवनाथ कुमार जी आपकी इस बेहतरीन रचना को कवितमंच ब्लॉग पर साँझा किया है
जवाब देंहटाएं-- संजय भास्कर
http://kavita-manch.blogspot.in/
धन्यवाद संजय जी !
जवाब देंहटाएंआभार ! :)