(फोटो गूगल से साभार) |
चिथरों में लिपटी
दिखती है हर रोज 'वो'
कि भीगोती है सर्द हवाएँ
हर रात उसे
नयन कोर पर
'बेबसी' मुस्कुराती है
चेहरे की मुस्कराहट
बेबसी छुपा जाती है
छिड़ी है 'जद्दोजहद'
खुद से लड़ने की
समेटे खुद को खुद में
मुक्त आसमां के नीचे
धरा पर बिखरने की
बादल झूमे
सावन के उर में
पर सूखी हर तृष्णा
दिल के अंदर
'अकाल' पोषित हो रहा
प्यासा है वो 'भीत' समंदर
'वो' चीखती, चिल्लाती है
हर रोज कई बार
पर सुनता कौन है
देख लो 'तमाशा' यह
दिखती है हर रोज 'वो'
कि भीगोती है सर्द हवाएँ
हर रात उसे
नयन कोर पर
'बेबसी' मुस्कुराती है
चेहरे की मुस्कराहट
बेबसी छुपा जाती है
छिड़ी है 'जद्दोजहद'
खुद से लड़ने की
समेटे खुद को खुद में
मुक्त आसमां के नीचे
धरा पर बिखरने की
बादल झूमे
सावन के उर में
पर सूखी हर तृष्णा
दिल के अंदर
'अकाल' पोषित हो रहा
प्यासा है वो 'भीत' समंदर
'वो' चीखती, चिल्लाती है
हर रोज कई बार
पर सुनता कौन है
देख लो 'तमाशा' यह
यहाँ हर कोई 'मौन' है
hruday ko chune wali kawita
जवाब देंहटाएंBahut acha likha hai hum sunege aur bebasi bhari muskurahat ko khilkhilati muskurahat mei badal dege
जवाब देंहटाएंउस बेबस के चेहरे पे मुस्कान आती भी नहीं होगी ... खुद से लड़ने की जंग में होश कहां रहता होगा ...
जवाब देंहटाएंप्रभावी रचना ...
देख लो 'तमाशा' यह
जवाब देंहटाएंयहाँ हर कोई 'मौन' है।
बहुत सुंदर, बेहतरीन पंक्तियाँ।
dil ko chhoo jane wali kavita..........
जवाब देंहटाएं'वो' चीखती, चिल्लाती है
जवाब देंहटाएंहर रोज कई बार
पर सुनता कौन है
देख लो 'तमाशा' यह
यहाँ हर कोई 'मौन' है
atyant sundar !
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
जवाब देंहटाएंबहुत मार्मिक अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली प्रस्तुति। ये मौन भंग होना चाहिये, सम्वाद भी हो और फिर स्थिति में परिवर्तन भी।
जवाब देंहटाएं'वो' चीखती, चिल्लाती है
जवाब देंहटाएंहर रोज कई बार
पर सुनता कौन है
देख लो 'तमाशा' यह
यहाँ हर कोई 'मौन' है
मार्मिक अभिव्यक्ति..
बादल झूमे
जवाब देंहटाएंसावन के उर में
पर सूखी हर तृष्णा
दिल के अंदर
'अकाल' पोषित हो रहा
प्यासा है वो 'भीत' समंदर
....बहुत मर्मस्पर्शी रचना...भावों और शब्दों का सुन्दर संयोजन....
इस बेबसी के आंसू से मन भींग गया।
जवाब देंहटाएंमर्मस्पर्शी रचना
जवाब देंहटाएं'वो' चीखती, चिल्लाती है
जवाब देंहटाएंहर रोज कई बार
पर सुनता कौन है
देख लो 'तमाशा' यह
यहाँ हर कोई 'मौन' है... इक-इक शब्द ने झकझोर कर रख दिया......
मार्मिक रचना
जवाब देंहटाएंमार्मिक चित्रण...उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंatyant maarmik aur gahan bhaav ...!!
जवाब देंहटाएंबेहद प्रभावशाली एवं सशक्त अभिव्यक्ति......
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया..
अनु
bahut sundar satik chitran aabhar ....
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