(फोटो गूगल से साभार) |
निमिया के डाढ़ी मैया एक प्रचलित माता गीत है बिहार, उत्तरप्रदेश आदि क्षेत्रों में। इस गीत का लिरिक्स (बोल) ढूंढ रहा था इंटरनेट पे हिंदी में, मुझे नहीं मिला। फिर मैंने गाना सुनकर उसका लिरिक्स खुद से लिखा है। मुझे यह गीत बहुत ही पसंद है। यहाँ साझा कर रहा हूँ शायद कोई सज्जन लिरिक्स (बोल) ढूंढे तो उसे यह मिल जाए। अगर कुछ त्रुटि हो तो कृपया टिपण्णी (कमेंट) करके मुझे जरूर बताएँ मैं उसमें सुधार करूँगा।
|| जय माता दी ||
निमिया के डाढ़ी मैया - २
डाले ली असनवा
कि झूमी झूमी ना
मैया झूले लीं झुलनवा
कि झूमी झूमी ना
सातो रे बहिनिया के भैरों हवें भैया
आदि शक्ति देवी के अनेक बाटे नैया - २
जेकरा सहारा नईखे - २
राखे लीं शरणवा
कि झूमी झूमी ना
मैया दे लीं वरदनवा
कि झूमी झूमी ना
मैया दे लीं वरदनवा
कि झूमी झूमी ना
कामरुख कमख्या कलकत्ता वाली काली
मैहर में शारदा विंधाचल विंध वाली - २
काश्मीर में वैष्णो देवी - २
जाने ला जहनवा
कि झूमी झूमी ना
भक्त करे दर्शनवा
कि झूमी झूमी ना
भक्त करे दर्शनवा
कि झूमी झूमी ना
आरा ऐरन देवी विन्धा में महथिन दाई
शीतला बनारस बाड़ी अन्नपूर्णा माई - २
बाड़ा भीड़ होला ओहि जा
बाड़ा भीड़ होला धनतेरस के बिहनवा
कि झूमी झूमी ना
मैया दे लीं अन्न धनवा
कि झूमी झूमी ना
मैया दे लीं अन्न धनवा
कि झूमी झूमी ना
राजरप्पा छिन्नमस्तिका कैमूर में तारा रानी
बाड़ी उजियार घाट मंगला भवानी - २
गहमर सकरा गढ़ में - २
कमख्या स्थनवा
कि झूमी झूमी ना
करे ला छाऊ बाबा पूजनवा
कि झूमी झूमी ना
भलनि भवानी पटन देवी थावे वाली
बाड़ी डुमराव डुमरेदिनी अउरी काली - २
सावन सप्तमी के चढ़े - २
पुआ पकवनवा
कि झूमी झूमी ना
भरत गावे ले भजनवा
कि झूमी झूमी ना
निमिया के डाढ़ी मैया - २
डाली ली असनवा
कि झूमी झूमी ना
मैया झूले लीं झुलनवा
कि झूमी झूमी ना
मैया झूले लीं झुलनवा
कि झूमी झूमी ना
इस गीत का वीडियो लिंक : https://www.youtube.com/watch?time_continue=435&v=pqDJcIw3Qlw
(आप भी सुनेें, बहुत ही सुंदर गीत है। )
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (14-10-2018) को "जीवन से अनुबन्ध" (चर्चा अंक-3124) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद सर
हटाएंसादर आभार !
वाह ... बहुत ही सुन्दर ... आंचलिक भाषा का स्वाद वैसे भी गज़ब होता है ... मिट्टी की खुशबू रहती है उसमें ... बहुत लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की अनंत मंगलकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंनिमिया के डाढ़ी मैया
जवाब देंहटाएंडाली ली असनवा
कि झूमी झूमी ना
मैया झूले लीं झुलनवा
कि झूमी झूमी ना
मैया झूले लीं झुलनवा
कि झूमी झूमी ना ....
मुझे आपने अपने देश की याद दिला जी। सादर आभार आदरणीय शिवनाथ जी।
राजरप्पा छिन्नमस्तिका, कैमूर में तारा रानी, बाड़ी उजियार घाट मंगला भवानी
जवाब देंहटाएंकृपया इसे ऐसे लिखें
बाकी माई की कृपा से सब ठीक है
बहुत बहुत आभार, सुधार कर लिया है। धन्यवाद।
हटाएंधन्यवाद महोदय
जवाब देंहटाएंThanks bhaiya g
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया काम किये आप।। माता रानी आपको। सुंदर स्वस्थ रक्खें। और ऐसे है सद्बुद्धि बनाए रक्खें।
जवाब देंहटाएंआप इस तरह के गानों के लिए मेरे इस बेवसाइट पर जरूर आएं। बहुत ही सुंदर और शुद्ध भोजपुरी गानों की साइट है। www.bhojpurigeetmala.in धन्यवाद।
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