मन का पंछी
सोमवार, 2 अगस्त 2010
दोस्ती
दोस्ती कोई इत्तफ़ाक नहीं होता
मिलते हैं बहुत मगर
हर कोई खास नहीं होता
सच्ची दोस्ती रहमत है उस खुदा की
जो किसी मोड़ पर हमारा साथ नहीं छोड़ता
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