बस एक कोने से रंग पकड़कर उसे प्रेम तक पहुंचाने की कोशिश :-)
हरी वसुंधरा
वसुंधरा पर कई नदी
यमुना भी है एक नदी
यमुना पार रास रचाता मुरली वाला
राधा मुरली वाले की दीवानी
राधा प्रेम पुजारिन प्रेम आशक्त है
प्रेम हर रंग में
प्रेम ही आदि प्रेम अनन्त है
लाल सूरज दिखे सांझ को
सांझ बुलाती चाँद को
चाँद को है चाहता चकोर
चकोर चाँद के लिए प्रेम उन्मत है
प्रेम हर रंग में
प्रेम ही आदि प्रेम अनन्त है
प्रेम ही आदि प्रेम अनन्त है
नीला है गगन
गगन है सागर का दर्पण
सागर है विशाल
विशाल होता है दिल
दिल एक मंदिर है
मंदिर में प्रेम ही प्रतिध्वनित है
प्रेम हर रंग में
प्रेम ही आदि प्रेम अनन्त है
प्रेम ही आदि प्रेम अनन्त है
काला है बादल
बादल करता बारिश
बारिश सींचती धरा
धरा पर खिलते फूल
फूल तैयार वंदन को अर्पण को
वंदन इष्ट का ईश्वर का
भक्ति में मस्तक प्रेम नत है
प्रेम हर रंग में
प्रेम ही आदि प्रेम अनन्त है
प्रेम ही आदि प्रेम अनन्त है
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सच में प्रेम के रंग अनंत हैं
@फोटो : गूगल से साभार
अनंत रंगों की छटा बिखेरती सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंप्रेम तो सतरंगी हैं....
जवाब देंहटाएंइन्द्रधनुष के दोनों छोरों पर लटका हुआ.......
अनु
प्रेम के रंग अनंत हैं अनंत ही रहेंगे
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल शुक्रवार (14-06-2013) के "मौसम आयेंगें.... मौसम जायेंगें...." (चर्चा मंचःअंक-1275) पर भी होगी!
सादर...!
रविकर जी अभी व्यस्त हैं, इसलिए मंगलवार की चर्चा मैंने ही लगाई है।
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत धन्यवाद सर
हटाएंसादर आभार!
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
प्रकृति में ही प्रेम छुपा पड़ा है उसे देखने के लिए एक आँख चाहिए - प्रकृति का रूप अनंत है प्रेम भी अनंत है.
जवाब देंहटाएंlatest post: प्रेम- पहेली
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सुन्दर प्रेममई रचना..
जवाब देंहटाएं:-)
वाह..
जवाब देंहटाएंप्रेम अनंत है , यही सच है !
सुंदर !!
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंनीला है गगन
जवाब देंहटाएंगगन है सागर का दर्पण
सागर है विशाल
विशाल होता है दिल
दिल एक मंदिर है
मंदिर में प्रेम ही प्रतिध्वनित है
प्रेम हर रंग में
प्रेम ही आदि प्रेम अनन्त है ..
प्रेम ही आदि और अंत बन जाए ... तो जीवन प्रेम की समर्पित हो जाए ...
हर रंग का आदि और अंत है ... और सबका रंग प्रेम का रंग हो जाए ...
भावूर्ण अभिव्यक्ति ...
लाल सूरज दिखे सांझ को
जवाब देंहटाएंसांझ बुलाती चाँद को
चाँद को है चाहता चकोर
चकोर चाँद के लिए प्रेम उन्मत है
प्रेम हर रंग में
प्रेम ही आदि प्रेम अनन्त है
हर रंग प्रेम में डूबा हुआ है, बहुत ही सुंदर.
रामराम.
वाकई प्रेम के कई रंग हैं बस इसे महसूस करना पड़ता है
जवाब देंहटाएंप्रेम का सुंदर अहसास
सुंदर रचना
बधाई
आग्रह है
पापा ---------
तभी तो मन कहता है ...."कुछ बात तो है"
जवाब देंहटाएंचकोर चाँद के लिए प्रेम उन्मत है
प्रेम हर रंग में
प्रेम ही आदि प्रेम अनन्त है
हर रंग प्रेम में डूबा हुआ है, बहुत ही सुंदर.....!!!!!
प्रेम अनन्त है ..
जवाब देंहटाएंबादल करता बारिश
जवाब देंहटाएंबारिश सींचती धरा
धरा पर खिलते फूल
प्रेम हर रंग में प्रेम ही आदि प्रेम ही अनन्त है..........
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